Monday, 29 September 2025

याद आती है

गर्मी के मौसम  मे कूलर की याद आती है 
ठंडी के मौसम मे स्वेटर की याद आती है 
हो बारिश का मौसम तो छतरी की याद आती है
घर से दूर आ जाओ तो घर की याद आती है 
लेकिन मौसम कोई भी हो 
दिल मे एक जो बार बस जाये उसकी 
इमेज़ दिल से बाहर जाती नहीं है..
Originally Composed by Dashrath Chaudhari 9405840139
Date - 29 September 2025
Day - Monday 
Time - 19: 29 Night Place - Nashik - Maharashtra - Bharat



Saturday, 27 September 2025

पल पल दिल के पास तुम रहती हो

Original Singer Kishore Kumare 
पल पल दिल के पास तुम रहती हो 
जीवन मीठी प्यास ये कहती हो.
पेरोडी -
सब जानती हो तुम मेरे दिल का 
हाल 
लेकिन कुछ कहती नहीं हो 
कभी मिलती हो कभी दिखती नहीं हो 
कभी चूप रहती हो,कभी खुल के मिलती हो 
जीवन ही प्रेम का नाम ये कहती हो
पल पल दिल के पास तुम रहती हो...
Originally Composed by Dashrath Chaudhari 9405840139.
Date - 27September 2025
Day - Saturday 
Time - 22:56 Night 
Place - Nashik  Maharashtra Bharat 


Sunday, 21 September 2025

मौसम के चार मौसम है

मौसम के चार मौसम है 

लेकिन उम्र का सिर्फ एक ही मौसम होता है 

एक होता है एजुकेशन लेने का 

एक होता है रूपये  कमाने का 

एक होता प्यार करने का 

एक होता है मेहनत करने का

यह सब कर लीजीये  

एक उम्र गुजर जाने के बाद 

दुसरो को तो छोड दो 

शायद अपने भी मुँह फेर लेगे 

मै हुँ जब तक आपके साथ 

 मुझसे कुछ से ले लिजीये 

एक मौसम हुँ मै बस इसको 

समझ लीजीये.

Originally Written by 

Prof. Dashrath Chaudhari 9405840139

Date- 21 Sep.20025DAY- Sunday Time - 02: 55 Noon Place - Jalgaon Maharashtra - Bharat


Thursday, 11 September 2025

ये सफर भी कितना अजीब है

 ये सफर भी कितना अजीब है 

इस सफर मे  कुछ  दोस्त भी बन जाते है 

एक पल मे ही दिल मे समा जाते है 

ये सफर खत्म ही न हो 

हम मन ही मन दोहराते है 

लेकिन  ही कुछ पल के बाद

दिल के अरमान टूट जाते है 

उतार जाते है

वो कह कर शुक्रिया 

मिलेंगे फिर कभी इसी मोड़ पर

किस तरह तरह दिल के अरमान बिखर जाते है.. 

Originally Written by Dashrath Chaudhari 9405840139

Date - 11 September 2025 

Day - Thursday 

Time -23: 16 Night 

Place -Nashik- Maharashtra - Bharat 

Saturday, 6 September 2025

नदी का पानी कितना मीठा है

जिसने समुन्दर की गहराई को 

छू कर देख लिया हो 

उससे ये मत पूछना  

नदी का पानी कितना मीठा है 

देख कर ही बस महसूस कर लो 

मेरी   दिल की गहराई  को 

जिसमे प्यार ही प्यार बसा है.....

Originally composed By Prof. Dashrath

Chaudhari - 9405840139


Date - 06 September 2025

Day - Saturday 

Place - Jalgaon - Maharashtra - Bharat  

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